इंटरमिटेंट फास्टिंग के जबरदस्त फायदे और नुकसान | Intermittent Fasting Benefits & Side Effects in Hindi

इंटरमिटेंट फास्टिंग के जबरदस्त फायदे और नुकसान

इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting) एक आहार तंत्र है जिसमें आप अंतराल अवधि के दौरान भोजन करते हैं और अन्य अवधियों में रोजाना के अपने आहार में सीमित करते हैं। यह एक लोकप्रिय आहार तंत्र है जिसका उपयोग वजन घटाने, स्वस्थ रहने और व्यायाम के लाभ बढ़ाने के लिए किया जाता है।

इंटरमिटेंट फास्टिंग के जबरदस्त फायदे हैं:

1. वजन घटाने में मददगार: इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन घटाने में मददगार हो सकता है। इस आहार तंत्र के दौरान आपका कैलोरी खपत घटता है जिससे आपका वजन घटना शुरू हो सकता है।

वजन घटाने के लिए यहां कुछ मददगार उपाय हैं:

  • सही आहार: सही आहार लेना वजन घटाने का सबसे महत्वपूर्ण कदम है। विशेष रूप से आपको प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों, सब्जियों और फलों का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा, आपको अपने आहार में फाइबर को शामिल करना चाहिए जो आपको बड़ी भूख से बचाता है और आपके खाने की मात्रा को कम करता है।
  • व्यायाम: व्यायाम वजन घटाने का एक और महत्वपूर्ण कदम है। रोजाना कुछ मिनटों के लिए व्यायाम करना आपको न केवल फिट रखता है बल्कि आपके शरीर को धीरे-धीरे कम करता है। आप शुरुआत में सीधे दौड़ या चलने की शुरुआत कर सकते हैं। योग और ध्यान भी आपके वजन घटाने में मदद कर सकते हैं।
  • पानी का सेवन: रोजाना पानी का सेवन वजन घटाने में बहुत महत्वपूर्ण है। आपको दिन भर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए। पानी आपको भूख को ताल देता है और अपने शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है

2. इंसुलिन संतुलन के लिए लाभदायक: इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से आपका इंसुलिन संतुलन सुधारता है। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है जिन्हें मधुमेह है या जो अधिक मात्रा में खुराक इंसुलिन लेते हैं।

इंसुलिन संतुलन को बनाए रखना स्वस्थ रहने के लिए बहुत जरूरी होता है। यह शरीर की मौजूदा ग्लूकोज स्तर को नियंत्रित करता है और इसे उपयोग के लिए उपलब्ध करवाता है। निम्नलिखित लाभदायक उपाय आपके इंसुलिन संतुलन को सुधारने में मदद कर सकते हैं:

  • सही आहार: सही आहार इंसुलिन संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। आपको अपने आहार में प्रोटीन, सही मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स और फाइबर को शामिल करना चाहिए। इसके अलावा, नियमित खाने के समय बनाए रखना बहुत जरूरी होता है
  • व्यायाम: व्यायाम इंसुलिन संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। आपको दैनिक व्यायाम करना चाहिए। योग, ध्यान और पैदल चलना भी बहुत फायदेमंद होता है।
  • स्लीप: आराम इंसुलिन संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। आपको कम से कम 7-8 घंटे की नींद लेनी चाहिए।
  • स्ट्रेस नि‍यंत्रण: स्ट्रेस इंसुलिन संतुलन को खराब कर सकता है।

3. डीटॉक्सिफिकेशन: इंटरमिटेंट फास्टिंग आपके शरीर के लिए फायदेमंद हो सकते है क्योंकि यह आपके शरीर में अतिरिक्त वसा और जहरीले पदार्थों को दूर करता है।

डीटॉक्सिफिकेशन एक प्रक्रिया है जिसमें शरीर से अनुपयोगी और विषैले पदार्थों को हटाने की कोशिश की जाती है। इस प्रक्रिया के माध्यम से, आप शरीर की स्वस्थता को सुधार सकते हैं और अनेक बीमारियों से बच सकते हैं।

डीटॉक्सिफिकेशन के लिए कुछ सरल उपाय हैं:

  • पानी का सेवन: शरीर के विभिन्न अंगों में पानी उपयोग के बाद अनुपयोगी पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। आप रोजाना 8-10 गिलास पानी पी सकते हैं।
  • समय से समय खाने की अभ्यस्तता: आपको नियमित खाने के समय का पालन करना चाहिए। अधिक समय तक भूख न रहने से, आप बहुत सारे विषैले पदार्थों से बच सकते हैं।
  • ताजा फल और सब्जियों का सेवन: आपको अपने आहार में ताजा फल और सब्जियां शामिल करना चाहिए। ये आपको विटामिन, मिनरल और फाइबर प्रदान करते हैं जो शरीर के विषैले पदार्थों को निकालने में मदद करते हैं।
  • व्यायाम: नियमित व्यायाम आपके शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। आप योग, जोगिंग, चलने-फिरने, स्विमिंग आदि कुछ भी अपनी पसंद के अनुसार कर सकते हैं।
  • दूर रखें जिंक और एल्कोहल: जिंक और एल्कोहल आपके शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। इसलिए, आपको इन्हें अपने आहार से दूर रखना चाहिए।
  • आराम करें: आपको अपने शरीर के लिए पर्याप्त आराम की आवश्यकता होती है। अधिक तनाव और थकान आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  • जीवनशैली को संतुलित बनाएं: आपको स्वस्थ और संतुलित जीवनशैली अपनानी चाहिए। इसके लिए आपको पर्याप्त नींद लेनी चाहिए, तंबाकू और अन्य नशीले पदार्थों से दूर रहना चाहिए।

ये कुछ सरल उपाय हैं जो आपको डीटॉक्सिफिकेशन करने में मदद कर सकते हैं। यदि आप डीटॉक्सिफिकेशन के बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो अपने चिकित्सक से सलाह लें और अपने आहार और जीवनशैली में सुधार करें।

4. स्वस्थ जीवन शैली के लिए: इंटरमिटेंट फास्टिंग आपके लिए स्वस्थ जीवन शैली का समर्थन करता है। इससे आपकी सभी आहार तंत्रों में संतुलित आहार लेने की आवश्यकता होती है जो आपके स्वस्थ जीवन शैली के लिए जरूरी होता है।

स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए निम्नलिखित टिप्स फॉलो करें:

  • पर्याप्त नींद: प्रतिदिन कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें। अगर आपकी नींद पूर्ण नहीं होती है, तो आप थकान महसूस करते होंगे और इससे आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।
  • नियमित व्यायाम: नियमित रूप से व्यायाम करना बहुत जरूरी है। योग, जोगिंग, स्विमिंग आदि कुछ भी अपनी पसंद के अनुसार कर सकते हैं। यह आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए बहुत लाभदायक होता है।
  • सही आहार: सही आहार लेना बहुत जरूरी है। आपके आहार में सब्जियां, फल, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स आदि सभी पोषक तत्वों की सही मात्रा होनी चाहिए। आप भोजन करने से कुछ समय पहले पानी पी सकते हैं।
  • नशे की आदतों से दूर रहें: तंबाकू, शराब, और अन्य नशीले पदार्थों से दूर रहना चाहिए। इन पदार्थों का अधिक सेवन आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बिगाड़ सकता हैं जिससे आप भविष्य में कई समस्याओं से बच सकते हैं।

इसके साथ ही, इंटरमिटेंट फास्टिंग के कुछ नुकसान भी होते हैं:

1. भुख की अनुपस्थिति: इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान आपको भुख लग सकती है जो अपने खाने को कम कर सकता है।

भुख की अनुपस्थिति या भूख न लगना एक समस्या हो सकती है जो अनेक कारणों से हो सकती है। कुछ कारणों में शामिल हैं:

  • रोग: कुछ रोग भुख न लगने का कारण बन सकते हैं। इसमें कैंसर, एचआईवी / एड्स, डेंगू, मलेरिया आदि शामिल हो सकते हैं।
  • दवाओं का सेवन: कुछ दवाओं के सेवन से भी भूख नहीं लगती है। इसमें कुछ एंटीडिप्रेसेंट, एंटीबायोटिक, एंटीहिस्टामीन और अन्य दवाएं शामिल हो सकती हैं।
  • शारीरिक समस्याएं: जैसे थायरॉइड, डायबिटीज, श्वसन समस्याएं और अन्य समस्याएं भूख न लगने का कारण बन सकती हैं।
  • तनाव या चिंता: तनाव या चिंता भूख न लगने का एक कारण बन सकती है।

भूख न लगने की समस्या को ठीक करने के लिए आप निम्नलिखित टिप्स का अनुसरण कर सकते हैं:

  • पर्याप्त नींद: अगर आपकी नींद पूर्ण नहीं होती है, तो आप थकान महसूस करते होंगे और इससे आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है। इसलिए अपने दिन के लिए पर्याप्त समय नींद लेने का प्रयास करें।
  • अपने आहार में परिवर्तन करें: संतुलित आहार लें और ज्यादा से ज्यादा प्रकृतिक खाद्य पदार्थों का सेवन करें। इसके अलावा, आपके आहार में पर्याप्त मात्रा में पानी शामिल करें।
  • तंदुरुस्त रहें: योग, ध्यान, प्राणायाम जैसी ध्यान रखने वाली गतिविधियों का अभ्यास करें।
  • विभिन्न प्रकार की चाय या जूस पीएं। विशेष रूप से पपीता, अनार, नींबू, टमाटर और सब्जियों से निर्मित जूस पीना भूख लाने में मददगार हो सकता है।
  • अधिक चीजों से दूर रहें: शराब, नशीली दवाएं और तंबाकू आपकी भूख को कम कर सकती हैं।

इन उपायों के अलावा, भूख न लगने की समस्या के लिए डॉक्टर से सलाह लें और उनके सुझावों का अनुसरण करें।

2. मनोवैज्ञानिक प्रभाव: इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से आपके मन पर असर पड़ सकता है। अधिक विचार करने वाले लोग इससे परेशान हो सकते हैं।

इंटरमिटेंट फास्टिंग का अधिक उपयोग कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जो मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी देखा जा सकता है। यहाँ कुछ नुकसान दिए गए हैं:

  1. अधिक तनाव: इंटरमिटेंट फास्टिंग से जुड़े रहने से कुछ लोग तनाव महसूस करते हैं। नियमित रूप से भोजन छोड़ने से शरीर का स्तर ग्लुकोज कम हो जाता है जिससे शरीर में स्थायी ऊर्जा संसाधित करने में मुश्किल होती है। यह शरीर में कॉर्टिसोल का स्तर बढ़ा सकता है, जो तनाव का कारण बनता है।
  2. बुरी सुध: इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान भूख को कंट्रोल करने के लिए कुछ लोग ज्यादा कॉफ़ी, चाय या डिमांड काफी जैसी बुरी सुध वाली चीजें पीते हैं। इससे शरीर का हाइड्रेशन अस्थिर होता है और उनका स्वास्थ्य प्रभावित होता है।
  3. खराब नींद: इंटरमिटेंट फास्टिंग करने के दौरान भूख को कंट्रोल करने के लिए कुछ लोग रात में ज्यादा समय तक जागते हैं। इससे खराब नींद की समस्या हो सकती है जो स्वास्थ्य पर असर डालती है। नींद की कमी भूख प्रबंधन की क्षमता को कम कर सकती है और आपको तनाव महसूस होने लगता है।
  4. अपच: इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान आप अधिक समय तक भूखे रहते हैं जो आपके खाने के ढंग में बदलाव लाता है। कुछ लोगों को इसके लिए सहनशीलता नहीं होती है और वे अपच महसूस करते हैं।
  5. अत्यधिक वजन घटाने का खतरा: इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन घटाने के लिए बहुत अच्छा हो सकता है, लेकिन अधिकतम वजन घटाने के लिए लंबे समय तक इसे करना खतरनाक हो सकता है। अत्यधिक वजन घटाने से आपके शरीर में नुकसान हो सकते हैं जैसे कि शरीर का तापमान बढ़ जाना और आपकी ऊर्जा की कमी होना।
  6. आपके लिए असुरक्षित हो सकता है: इंटरमिटेंट फास्टिंग के लिए सभी लोग उपयुक्त नहीं होते हैं। यह लोगों के लिए जो दुर्बल हैं, गर्भवती हैं, या अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, खतरनाक हो सकता है।

इंटरमिटेंट फास्टिंग कुछ लोगों के लिए असुरक्षित हो सकता है। यह खास तौर पर उन लोगों के लिए होता है जो दिनभर भोजन नहीं करते हैं जैसे कि डायबिटीज या एनीमिया के मरीज और गर्भवती महिलाएं।

इंटरमिटेंट फास्टिंग से जुड़े अन्य नुकसान में शामिल हो सकते हैं:

  1. भूख लगना और खाने की इच्छा बढ़ जाना।
  2. अत्यधिक थकान या असमय प्राण गुजर जाने से काम का प्रभावित होना।
  3. सिरदर्द या ऊंचा रक्तचाप।
  4. एसिडिटी या पेट में असंतुलितता के लक्षण।
  5. चक्कर आना या भ्रमित होना।

इसलिए, इंटरमिटेंट फास्टिंग की शुरुआत से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लेना बेहद जरूरी है। इसे नियमित रूप से किए जाने से पहले अपने शरीर की आवश्यकताओं के अनुसार इसे संशोधित किया जा सकता है।

3. सुबह उल्टी हो सकती है: कुछ लोगों को इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान सुबह उल्टी करने की समस्या हो सकती है।

इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान अगर शरीर में तैलीय तत्वों की मात्रा अधिक होती है तो यह सुबह उल्टी का कारण बन सकता है। अधिक तैलीय तत्व शरीर के अंदर इस तरह की समस्याओं का कारण बन सकते हैं।

वैसे तो यह समस्या बहुत कम होती है लेकिन कुछ लोगों में इस तरह की समस्या हो सकती है। इसलिए इंटरमिटेंट फास्टिंग से पहले यदि आप किसी भी तरह की समस्याओं से पीड़ित होते हैं तो आपको इसे करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।

अगर आपको अक्सर उल्टी होती है तो इंटरमिटेंट फास्टिंग की जगह आपको अन्य तरीकों से वजन घटाने की कोशिश करनी चाहिए।

5. संभवतः मुद्रास्फीति: इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान आपकी दृष्टि अस्थिर हो सकती है जो आपके लिए खतरनाक हो सकता है।

इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से शरीर में उचित मात्रा में तरलता नहीं होने की स्थिति में शरीर में मुद्रास्फीति होने की सम्भावना होती है। इसलिए, इस तकनीक को अपनाने से पहले चिकित्सक से परामर्श लेना बेहद जरूरी है।

इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान शरीर में तरलता की मात्रा कम हो जाती है, जिससे उपलब्ध खून की मात्रा भी कम हो जाती है। इसके परिणामस्वरूप, अधिकतर लोगों में इसकी समस्या नहीं होती है, लेकिन कुछ लोगों में यह समस्या हो सकती है।

इससे बचने के लिए, आप इंटरमिटेंट फास्टिंग से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श कर सकते हैं। चिकित्सक आपकी स्थिति का आकलन करेंगे और आपको बताएंगे कि क्या आप इंटरमिटेंट फास्टिंग करने के लिए उपयुक्त हैं या नहीं। वे आपको सलाह देंगे कि कैसे आप अपने शरीर को सही तरीके से तरलता के साथ संतुलित रख सकते हैं।

6. बढ़ी हुई खतरनाकता: कुछ लोगों के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से उनकी खतरनाकता बढ़ सकती है, जैसे उन लोगों के लिए जो दवाओं का सेवन करते हैं, जिनके शुगर या दिल के रोग होते हैं या अन्य स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं।

इंटरमिटेंट फास्टिंग से जुड़ी एक और बड़ी खतरनाकता है कि यह व्यक्ति को अन्य तरीकों से वजन कम करने या स्वस्थ रहने के लिए संयम बनाए रखने के लिए विलंब कर सकता है। लोग इंटरमिटेंट फास्टिंग के बाद ज्यादातर खाने के लिए तरसते हैं, जिससे उनकी खाने की मनस्तिथि कमजोर होती है और वे नियमित भोजन करने से बचते हैं। यह उनके स्वस्थ के लिए हानिकारक हो सकता है।

दूसरी तरफ, इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान अधिकतर लोगों को दौरे की अवधि में कम से कम दो दिनों तक सीमित शाकाहारी भोजन करने के लिए शिफ्ट करना पड़ता है। यह शाकाहारी भोजन में नाइट्रेट एवं ऑक्सिनिक एसिड की मात्रा बढ़ती है जो बार बार करने से व्यक्ति के शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है।

इसके अलावा, इंटरमिटेंट फास्टिंग से जुड़ी दूसरी बड़ी बाधा है कि यह आपको दुर्बल बना सकता है। अगर आप इंटरमिटेंट फास्टिंग कर रहे हैं और अधिकतम शक्ति देने वाले कार्यों को नहीं कर पा रहे हैं, तो यह आपको अनुकूल नहीं होगा। अधिकतम शक्ति देने वाले कार्य जैसे कि व्यायाम और शारीरिक कार्यक्रम इसमें कमी कर सकते हैं जो आपको फिट और स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

अगर आप इंटरमिटेंट फास्टिंग करने का निर्णय लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेंगे तो आप अपनी स्वास्थ्य को लेकर संशयों से बच सकते हैं।

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